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‘रुसा’ योजना का संस्थागत ढांचा (Institutional Structure of ‘RUSA’ Scheme)

मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘रुसा’ का संस्थागत ढांचा निम्नवत् निर्धारित किया गया है:-

        (अ) राष्ट्रीय स्तर

1.‘रुसा’ अभियान प्राधिकरण ('RUSA' Mission Authority):

राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान से सम्बन्धित समस्त नीतिगत विषयो पर निर्णय लेने के लिए निम्नानुसार ‘रुसा’ अभियान प्राधिकरण का गठन किया गया है:-

  • मानव संसाधन विकास मंत्री - सभापति
  • सचिव, उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार - उपसभापति
  • अध्यक्ष, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग - सह-उपसभापति
  • नीति आयोग का सदस्य (उच्च शिक्षा का प्रभारी) - सदस्य
  • अध्यक्ष, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्- सदस्य
  • समस्त राज्यों के उच्च शिक्षा परिषद् के सभापति - सदस्य
  • उच्च शिक्षा क्षेत्र के तीन विशेषज्ञ - सदस्य
  • मानव संसाधन विकास मंत्रालय के वित्तीय सलाहकार - सदस्य
  • अध्यक्ष, भारतीय चिकित्सा परिषद् - सदस्य
  • अध्यक्ष, भारतीय विधि परिषद् - सदस्य
  • सचिव, कृषि, भारत सरकार - सदस्य
  • सचिव, संस्कृति, भारत सरकार - सदस्य
  • सचिव, स्वास्थ्य, भारत सरकार - सदस्य
  • सचिव, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, भारत सरकार - सदस्य
  • सचिव, खेल, भारत सरकार - सदस्य
  • वित्त मंत्रालय का प्रतिनिधि - सदस्य
  • संयुक्त सचिव, उच्च शिक्षा, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार - सदस्य

2. परियोजना अनुमोदन मण्डल (Project Approval Board)

‘रुसा’ के अन्तर्गत राज्यों द्वारा उपलब्ध कराई गई योजना में विभिन्न घटकों के लिए प्रस्तुत प्रस्तावों हेतु अनुदान स्वीकृत करने हेतु निम्नानुसार परियोजना अनुमोदन मण्डल का गठन किया गया है:-

  • सचिव (उच्च शिक्षा), मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार - अध्यक्ष
  • अध्यक्ष, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग - सह-अध्यक्ष
  • उपाध्यक्ष, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग - सदस्य
  • अध्यक्ष, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् - सदस्य
  • सचिव, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग - सदस्य
  • सम्बन्धित राज्य के उच्च शिक्षा परिषद् का सभापति - सदस्य
  • उच्च शिक्षा क्षेत्र से दो विषय विशेषज्ञ - सदस्य
  • मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के वित्तीय सलाहकार - सदस्य
  • सलाहकार (उच्च शिक्षा) नीति आयोग - सदस्य
  • संयुक्त सचिव, उच्च शिक्षा, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार - संयोजक

3. विशिष्ट उद्देष्ययान ( Special Purpose Vehicle )

‘रुसा’ अभियान प्राधिकरण, परियोजना अनुमोदन मण्डल व राष्ट्रीय परियोजना निदेशालय को तकनीकी सहयोग प्रदान करने के लिए निम्नानुसार विशिष्ट उद्देष्ययान (SPV) का गठन किया गया है:-

  • ख्याति प्राप्त शिक्षाविद(मा0सं0वि0मं0, भारत सरकार द्वारा नामित) - अध्यक्ष
  • सचिव, उच्च शिक्षा, मा0सं0वि0मं0, भारत सरकार द्वारा नामित - सदस्य
  • अध्यक्ष, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग - सदस्य
  • अध्यक्ष, अखिल भारतीय प्राविधिक शिक्षा परिशद् - सदस्य
  • राष्ट्रीय मिशन निदेशक, ‘रुसा’ - प्रबन्ध निदेशक
  • वित्त सलाहकार, उच्च शिक्षा विभाग, भारत सरकार - सदस्य
  • तकनीकी सहयोग समूह (TSG) का मुख्य कार्यकारी अधिकारी - सदस्य
  • दो उच्च शिक्षा के विशेषज्ञ - सदस्य

4. तकनीकी सहयोग समूह (Technical Support Group):

विशिष्ट उद्देष्ययान (SPV) के निदेशक मण्डल द्वारा नियुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी तकनीकी सहयोग समूह सचिवालय का प्रमुख होता है जिसमें सलाहकारों के माध्यम से निम्नलिखित कार्य सम्पादित किये जाते हैं:-

  • निधियों के प्रवाह व सूचनाओं का अनुश्रवण करना।
  • राज्यों के उच्च शिक्षा प्लान का मूल्यांकन करना व राज्य उच्च शिक्षा परिषदों से सहयोग लेना।
  • प्रबन्ध सूचना प्रणाली (MIS) का नियोजन, समन्वयन, प्रकाशन व प्रबन्धन।
  • प्रस्तावों का मूल्यांकन करना।
  • ‘रुसा’ मिशन प्राधिकरण, परियोजना अनुमोदन मण्डल व राष्ट्रीय परियोजना निदेशालय को समस्त कार्यात्मक, तकनीकी व प्रबन्धकीय सहयोग प्रदान करना।
  • यथोचित शर्तो पर योजनाओं के अनुश्रवण, संरचना, तकनीकी पहलुओं व अन्य उद्देष्यों हेतु सलाहकारों की नियुक्ति करना।

5. राष्ट्रीय परियोजना निदेषालय (National Project Directorate)

‘रुसा’ अभियान प्राधिकरण तथा परियोजना अनुमोदन मण्डल द्वारा लिए गये निर्णयों को क्रियान्वित करने के लिए संयुक्त सचिव (उच्च शिक्षा), मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार, राष्ट्रीय मिशन निदेशक ,‘रुसा’) की अध्यक्षता में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग में ‘रुसा’ का राष्ट्रीय परियोजना निदेशालय गठित किया गया है।

        (ब) राज्य स्तर

प्रत्येक राज्य में ‘रुसा’ परियोजना की निगरानी का कार्य, राज्य उच्च शिक्षा परिषद् द्वारा किये जाने की व्यवस्था है। इस सम्बन्ध में परियोजना के संचालन के लिए परिषद् को राज्य परियोजना निदेशालय व तकनीकी समर्थन समूह (Technical Support Group) द्वारा सहयोग प्रदान किया जाता है।

1. राज्य उच्च शिक्षा परिशद् (State Higher Education Council)

राज्य उच्च शिक्षा परिषद्, राज्य स्तर पर उच्च शिक्षा के विकास व नियोजन की प्रमुख निकाय है। विभिन्न विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों को केन्द्र व राज्य कोश से वित्त आपूर्ति हेतु समन्वय तथा राज्य स्तर पर उच्च शिक्षा के अनुश्रवण, गुणवत्ता नियन्त्रण एंव समन्वय हेतु राज्यों में निम्नानुसार उच्च शिक्षा परिशद् गठित किये जाने का प्रावधान है:-

  • सभापति- प्राथमिकता से एक ख्यातिप्राप्त शिक्षाविद/लोक बुद्धिजीवी।
  • उपसभापति- सभापति गैर अकादमिक होने की दशा में अनिवार्यतः एक लब्ध प्रतिष्ठित शैक्षिक प्रशासक अन्यथा की दशा में वह उद्योग जगत से कोई पेशेवर व्यक्ति हो सकता है।
  • सदस्य सचिव- प्रोफेसर स्तर के समकक्ष एक ख्यातिप्राप्त शिक्षाविद-मुख्य कार्यकारी अधिकारी।
  • राज्य परियोजना निदेशक।
  • 10 से 15 सदस्य-कला, विज्ञान व तकनीकी, संस्कृति, लोक समाज, उद्योग जगत, कौशल शिक्षा व कौशल विकास क्षेत्रों से प्रतिनिधित्व करते हुए।
  • राज्य विश्वविद्यालयों से तीन कुलपति व स्वायत्त/सम्बद्ध महाविद्यालय के दो प्राचार्य।
  • मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक नामित व्यक्ति।

2. राज्य परियोजना निदेशालय (State Project Directorate)

राज्य परियोजना निदेशालय में राज्य परियोजना निदेशक व आवश्यकतानुसार कार्यालय स्टाफ नियुक्त करने की व्यवस्था है। राज्य परियोजना निदेशक, राज्य सरकार के कमिश्नर/सचिव से अनिम्न स्तर का अधिकारी होता है।

3. तकनीकी सहयोग समूह (Technical Support Group)

तकनीकी सहयोग समूह की संरचना व गठन राज्य सरकार के निर्णयानुसार किये जाने की व्यवस्था है।

        (स) संस्थागत स्तर

संस्थागत स्तर पर ‘रुसा’ योजना का प्रबन्ध, निम्नानुसार संचालक मण्डल व परियोजना अनुश्रवण इकाई द्वारा किये जाने की व्यवस्था की गई है:-

संचालक मण्डल: संस्थागत स्तर पर संचालक मण्डल द्वारा परियोजना सम्बन्धी नीतिगत निर्णय लेने, अनुश्रवण करने, विभिन्न उपसमीतियों का गठन करने, फैकल्टी विकास सुनिष्चित करने, शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक सुधारों को लागू करने, निधि का समुचित उपयोग व वित्तीय प्रबन्ध करने, रिपोर्ट व उपभोग प्रमाण पत्र के प्रस्तुतीकरण के साथ-साथ योजना के क्रियान्वयन में उत्पन्न बाधाओं को दूर करने का कार्य सम्पादित किया जाता है।

परियोजना अनुश्रवण इकाई: प्रत्येक शिक्षण संस्थान में संस्थाध्यक्ष की अध्यक्षता में अधिकारियों, शिक्षकों, तकनीकी व गैर तकनीकी स्टाफ व छात्र प्रतिनिधियों से युक्त एक परियोजना अनुश्रवण इकाई गठित किये जाने का प्रावधान है। यह इकाई, संस्थागत स्तर पर परियोजना के अनुश्रवण हेतु उत्तरदायी होती है। परियोजना अनुश्रवण इकाई द्वारा सामग्री, कार्य व सेवाओं की अधिप्राप्ति, वित्तीय प्रबन्ध, फैकल्टी व स्टाफ विकास, अनुश्रवण इत्यादि का कार्य किया जाता है।                                                                                                                             सम्प्रति, भारत सरकार द्वारा 29 राज्यों व 6 केंद्रशासित प्रदेशो को ‘रुसा’ के विभिन्न घटकों के अन्तर्गत 15 नये विश्वविद्यालयों व 72 माॅडल महाविद्यालयों की स्थापना, 115 विश्वविद्यालयों व 1183 महाविद्यालयों को संरचनात्मक सुविधाओं तथा 55 महाविद्यालयों को माॅडल महाविद्यालयों के रुप में उच्चीकृत करने हेतु अनुमोदन प्रदान किया गया है। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान प्रारम्भ होने से पूर्व मात्र नौ राज्यों में ही उच्च शिक्षा परिषदे स्थापित थी। इस अभियान के प्रारम्भ होने के बाद 22 अन्य राज्यों में भी राज्य उच्च शिक्षा परिषदे स्थापित की जा चुकी हैं। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान प्रारम्भ होने के पश्चात् विगत दो वर्षो में शिक्षण संस्थाओं में संरचनात्मक व अन्य सुविधाओं में उल्लेखनीय विकास के साथ-साथ उच्च शिक्षा सुधार व ‘नैक’ प्रत्यायन के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।

Source : State Higher Education Council Uttarakhand Government, Last Updated on 09-09-2021